ईंधन पे बनाएगा आनलाइन पेमेंट को आसान
Naiduniya City Page 3
22/10/2023
उत्कर्ष ने बताया कि अभी लोग पेट्रोल पंप पर भुगतान के लिए क्यूआर कोड स्कैन करते हैं या दूसरे माध्यम से पेमेंट करते हैं। वहीं ईंधन पे की मदद से वाहन चालक बिना क्यूआर कोड को स्कैन किए और बिना क्रेडिट या डेबिट कार्ड के सीधे मोबाइल फोन से ही पेमेंट कर सकेंगे। इस एप्लीकेशन के जरिए चालक मशीन में पेट्रोल की मात्रा भी फीड कर सकेंगे। दरअसल इसके लिए पेट्रोल पंप पर इंटरनेट प्रोटोकाल (आइपी) कैमरे लगाए जाएंगे, जिनकी मदद से जैसे गाड़ी पेट्रोल पंप पर पहुंचेगी कैमरे गाड़ी की नंबर प्लेट रीड करके गाड़ी की सभी जानकारी जैसे गाड़ी माडल और फ्यूल टाइप की जानकारी कंपनी के पास भेज देगा। इसके बाद चालक के मोबाइल फोन में ईंधन पे एप्लीकेशन पर पेट्रोल पंप की जानकारी के साथ एक नोटिफिकेशन जाएगा। इसके बाद चालक को एप्लीकेशन की मदद से पेमेंट करना होगा। भुगतान होते ही पेट्रोल पंप पर लगी मशीन में पेट्रोल की मात्रा रिफ्लेक्ट हो जाएगी। पंप के कर्मचारी को सिर्फ नोजल से ईंधन भरना पड़ेगा।
एप्लीकेशन से पेट्रोल कंपनी, डीलर और ग्राहक को मिलेगी मदद ईंधन पे एप्लीकेशन से फ्यूल कंपनी, डीलर और ग्राहकों को बड़ी मदद मिलेगी। दरअसल एप्लीकेशन में आपने कितनी बार कौन से पेट्रोल पंप पर पेट्रोल डलवाया, कितना भुगतान किया जैसी जानकारी सेव रहेंगी। इसकी मदद से फ्यूल कंपनी को अलग डाटा तैयार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही ग्राहक को भी एप्लीकेशन में पेट्रोल पंप के नाम के साथ पेट्रोल की मात्रा और पेमेंट डीटेल्स मिल जाएंगी। साथ ही ई बिल की सुविधा भी मिलेगी। इसे सुरक्षित बनाने के लिए ऐप के कुछ फीचर को प्रयोग करने की अनुमति डीलर और कंपनी के पास रहेगी और कुछ फीचर ग्राहक के लिए रहेंगे। डीलर और फ्यूल कंपनी के साथ सिर्फ उपयोगी डाटा ही साझा किया जाएगा। ग्राहक की निजी या अन्य जानकारियों को नहीं शेयर किया जाएगा।
एप्लीकेशन तैयार करने में 90 लाख का आएगा खर्च एसजीएसआइटीएस के बायो मेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के तृतीय वर्ष के विद्यार्थी उत्कर्ष ज्योतिषी ने इस स्टार्टअप की शुरुआत की है। उत्कर्ष ने हाल ही में ईंधन पे प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी भी रजिस्टर कर ली है। इस एप्लीकेशन पर उत्कर्ष ने प्रथम वर्ष में काम शुरू किया था। अब चार से पांच महीने में यह पूरी तरह तैयार हो जाएगी। इसे तैयार करने में करीब 80 से 90 लाख का खर्चा आएगा। उत्कर्ष ने इसे कालेज के वालिंटियर्स की मदद से तैयार किया है। साथ ही कालेज के इंक्यूबेशन फोरम और एलुमनाई से भी सहयोग लिया है।